सुंदरकांड अर्थ सहित हिंदी में 8
चौपाई: (1)लंका निसिचर निकर निवासा । इहाँ कहाँ सज्जन कर बासा ।।(हनुमानजी सोचने लगे—”लंका तो राक्षसों का निवास स्थान है, यहाँ सज्जनों का वास कैसे हो सकता है?”) (2)मन महुँ तरक करै कपि लागा । तेहीं समय बिभीषनु जागा ।।(हनुमानजी इसी विचार में थे कि तभी विभीषण जाग गए।) (3)राम राम तेहिं सुमिरन कीन्हा । … Read more