सुंदरकांड अर्थ सहित हिंदी में 8

चौपाई: (1)लंका निसिचर निकर निवासा । इहाँ कहाँ सज्जन कर बासा ।।(हनुमानजी सोचने लगे—”लंका तो राक्षसों का निवास स्थान है, यहाँ सज्जनों का वास कैसे हो सकता है?”) (2)मन महुँ तरक करै कपि लागा । तेहीं समय बिभीषनु जागा ।।(हनुमानजी इसी विचार में थे कि तभी विभीषण जाग गए।) (3)राम राम तेहिं सुमिरन कीन्हा । … Read more

सुंदरकांड अर्थ सहित हिंदी में 7

चौपाई: (1)मसक समान रूप कपि धरी । लंकहि चलेउ सुमिरि नरहरी ।।(हनुमानजी ने मच्छर के समान छोटा रूप धारण किया और भगवान श्रीराम का स्मरण करते हुए लंका की ओर बढ़े।) (2)नाम लंकिनी एक निसिचरी । सो कह चलेसि मोहि निंदरी ।।(लंका की रक्षा के लिए “लंकिनी” नाम की एक राक्षसी तैनात थी, जो हनुमानजी … Read more

सुंदरकांड अर्थ सहित हिंदी में 6

चौपाई: (1)मसक समान रूप कपि धरी । लंकहि चलेउ सुमिरि नरहरी ।।(हनुमानजी ने मच्छर के समान छोटा रूप धारण किया और भगवान श्रीराम का स्मरण करते हुए लंका की ओर बढ़े।) (2)नाम लंकिनी एक निसिचरी । सो कह चलेसि मोहि निंदरी ।।(लंका की रक्षा के लिए “लंकिनी” नाम की एक राक्षसी तैनात थी, जो हनुमानजी … Read more

सुंदरकांड अर्थ सहित हिंदी में 5

छंद: (1)कनक कोट बिचित्र मनि कृत सुंदरायतना घना ।।(लंका का किला सोने का बना था, जिसमें विभिन्न प्रकार के बहुमूल्य रत्न जड़े हुए थे और वह सुंदर भवनों से भरा हुआ था।) (2)चउहट्ट हट्ट सुबट्ट बीथीं चारु पुर बहु बिधि बना ।।(वहाँ चौक, बाजार, सजीव गलियाँ और सुन्दर मार्ग थे, जिससे यह नगर अत्यंत मनोहारी … Read more

सुंदरकांड अर्थ सहित हिंदी में 4

चौपाई: (1)निसिचरि एक सिंधु महुँ रहई । करि माया नभु के खग गहई ।।(समुद्र में एक मायावी राक्षसी रहती थी, जो अपनी माया से आकाश में उड़ने वाले पक्षियों को पकड़ लेती थी।) (2)जीव जंतु जे गगन उड़ाहीं । जल बिलोकि तिन्ह कै परिछाहीं ।।(जो भी जीव-जंतु आकाश में उड़ते थे, वह समुद्र में उनकी … Read more

सुंदरकांड अर्थ सहित हिंदी में 3

चौपाई: (1)जात पवनसुत देवन्ह देखा । जानैं कहुँ बल बुद्धि बिसेषा ।।(जब पवनसुत हनुमानजी आकाश में उड़ रहे थे, तब देवताओं ने उन्हें देखा और सोचा कि उनकी शक्ति और बुद्धि की विशेष परीक्षा ली जाए।) (2)सुरसा नाम अहिन्ह कै माता । पठइन्हि आइ कही तेहिं बाता ।।(देवताओं ने नागों की माता सुरसा को भेजा, … Read more

सुंदरकांड अर्थ सहित हिंदी में

चौपाई: (1)जामवंत के बचन सुहाए । सुनि हनुमंत हृदय अति भाए ।।(जामवंतजी के सुंदर वचन हनुमानजी को बहुत प्रिय लगे और उन्हें सुनकर उनका हृदय अत्यंत प्रसन्न हो गया।) (2)तब लगि मोहि परिखेहु तुम्ह भाई । सहि दुख कंद मूल फल खाई ।।(हनुमानजी बोले—हे भाई! तुम सब लोग मेरी परीक्षा तब तक लेते रहो, जब … Read more

How to Sunderkand PDF Gita Press Free Download अर्थ सहित

सुदर्शनकाण्ड अर्थ सहित सुदर्शनकाण्ड रामायण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें हनुमान जी के अद्भुत कार्यों और उनके साहसिक कार्यों का वर्णन किया गया है। यह काण्ड भगवान राम की पत्नी सीता के बारे में जानकारी प्राप्त करने और उन्हें रावण के बंदीगृह से मुक्त कराने के प्रयास में हनुमान जी की यात्रा को दर्शाता … Read more

How to Sunderkand PDF in Gujarati Free Download [ગુજરાતી]

Sunderkand pdf in gujarati free download and read online. sunderkand pdf in gujarati free download Here are some popular sources where you can download the Sunderkand PDF in Gujarati for free: . ઓમ શ્રી ગણેશાય નમઃ ।।. શ્રી જાનકીવલ્લભનો વિજય થયો.. શ્રી રામચરિતમાનસ પાંચમું ચરણ શ્રી સુંદરકાંડ.. . શ્લોક.શાંતિપૂર્ણ, શાશ્વત, અમાપ, પાપ રહિત અને નિર્વાણની … Read more

How to Sampurna Sunder Kand in Hindi PDF Download

Sampurna sunder kand in Hindi pdf is very important for every Hindu worship that brings devotees closer to Lord Rama and Lord Hanuman. Sunder Kand, a chapter from the ancient Hindu epic Ramayana. this is especially true for those who follow Lord Hanuman and Lord Rama. It is taken from the ancient Hindu epic Ramayana. This … Read more